चिरंजीवी योजना में अस्थि रोग के अंतर्गत घुटनो का प्रत्यारोपण (TKR-Total knee replacement) का इलाज़ : महत्वपूर्ण जानकारी और आवेदन प्रक्रिया

Call now for appointment

घुटने का दर्द, आज के समय में, विशेषकर बुजुर्ग जनसंख्या में एक सामान्य समस्या बन गई है। इसका मुख्य कारण है अस्थि रोग जिसके चलते घुटनों का कार्टिलेज धीरे-धीरे घिसता चला जाता है, और अंततः, घुटनों का प्रत्यारोपण (Total Knee Replacement - TKR) एकमात्र विकल्प बचता है। घुटनों का प्रत्यारोपण एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें घुटनों के क्षतिग्रस्त हिस्सों को निकालकर उनकी जगह कृत्रिम भागों से बदला जाता है। यह उपचार उन रोगियों के लिए अत्यंत लाभदायक सिद्ध होता है, जिनके घुटनों में गंभीर दर्द और चलने-फिरने में कठिनाई होती है। कई ऐसे लोग है जो पैसो की कमी की वजह से तकलीफ पाते रहते है और अपने घुटनो का इलाज़ नहीं करा पाते है। चिरंजीवी योजना, एक सरकारी योजना है, जिसका उद्देश्य है आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को उच्च स्तरीय और महंगे मेडिकल ट्रीटमेंट तक पहुँच प्रदान करना। इस योजना के तहत, घुटनों का प्रत्यारोपण जैसे जटिल और महंगे उपचार फ्री में संभव है।

चिरंजीवी योजना में घुटनो का प्रत्यारोपण (TKR) के लिए आवश्यक दस्तावेज:

  1. योजना में लाभ लेने के लिए मरीज का जनाधार कार्ड चालू होना अनिवार्य है। पात्रता मानदंड और आवेदन प्रक्रिया के बारे में संबंधित CMHO विभाग से संपर्क करे ।

  2. अगर मरीज किसी अनुमोदित अस्पताल में चिरंजीवी योजना से घुटनो के प्रत्यारोपण करवाना चाहते है तो उन्हें उसी दिन अपने जनाधार कार्ड और आधार कार्ड होने की सूचना चिरंजीवी काउंटर पर स्वास्थ्य मार्गदर्शक को सूचित करना अनिवार्य होगा।

  3. जिस बिमारी / डॉक्टर से चिरंजीवी योजना में इलाज़ होना है वो अस्पताल में चिरंजीवी योजना से जुड़ा होना जरूरी है

  4. डॉक्टर की पर्ची होना अनिवार्य है जिसमे-

    o डॉक्टर द्वारा मरीज के बीमारी का डायग्नोसिस,

    o साथ ही उसकी कंप्लेंट हिस्ट्री और पूर्व में कोई बीमारी है तो उसके बारे में स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिए,

    o मरीज को होने वाली सर्जरी के साथ-साथ इम्प्लांट का विवरण होना चाहिए ,

    o चिरंजीवी के कोड एवं डॉक्टर के सील (RMC No.) और हस्ताक्षर होना भी अनिवार्य है

    o घुटनो का प्रत्यारोपण सर्जरी के लिए डॉक्टर द्वारा लिखित मरीज के बीमारी के अनुसार जाँचो (जैसे घुटने का X-Ray या MRI) का होना ज़रूरी है। बिना जाँचो के चिरंजीवी में इलाज लेना संभव नहीं है।

  5. जन आधार, आधार और मेडिकल डाक्यूमेंट्स में मरीज का नाम एक ही होने चाहिए। नाम अगर मेल नहीं होता तो मरीज को एक एफिडेविट जमा करवाना अनिवार्य होगा।

  6. घुटने के प्रत्यारोपण के लिए अस्पताल का Fully NABH Accrediation होना जरूरी होता है, साथ-साथ मरीज़ का 1 महीने पहले से ही इलाज़ चलता हुआ होना चाहिए और 2 अस्थि रोग विशेषज्ञ (एक सरकारी अस्पताल और दूसरा निजी अस्पताल) से घुटनो के प्रत्यारोपण के लिए परामर्श किया हुआ होना अनिवार्य है।

आवेदन प्रक्रिया:

  1. सबसे पहले मरीज के अस्पताल द्वारा बिमारी से सम्बंधित दस्तावेज देखे जाते है। जिसमे पूर्ण डॉक्टर की पर्ची एवं बीमारी से संबंधित जाँचो पर डॉक्टर के सील और हस्ताक्षर साथ ही डॉक्टर का रजिस्ट्रेशन नंबर (RMC) लिखा होना अनिवार्य है।

  2. चिरंजीवी के अंतर्गत अलग अलग बीमारियों के इलाज दिए जाते है। मरीज को बीमारी के अनुसार भर्ती से पूर्व जांचे करवाना अनिवार्य है। इको एवं अन्य रेडियोलोजी रिपोर्ट्स के साथ उनकी फिल्म होना भी अनिवार्य है।

    बीमारियों की सूचि के साथ उसमे होने वाली जाँचो की सूचि के लिए आप चिरंजीवी की ऑफिसियल साइट पर देख सकते है।

  3. मरीज के भर्ती के समय चिरंजीवी योजना के अंतर्गत, मरीज की फोटो एवं बायोमेट्रिक की प्रक्रिया की जाती है। इसमें अस्पताल द्वारा मरीज के दस्तावेज पोर्टल के माध्यम से आगे चिरंजीवी में भेजे जाते है। पोर्टल पर मरीज़ की सामान्य स्थति होने पर आगे से प्री अप्रूवल मिलने के बाद ही मरीज को उपचार दिया जाता है (इमरजेंसी के केस में अप्रूवल की प्रतीक्षा नहीं की जाती है।)। अप्रूवल मिलने का समय लगभग 2 से 4 घंटे रहता है और अधिकतम 12 घंटे रहता है। भर्ती की यह पूरी प्रक्रिया एक मरीज के लिए लगभग 15 से 20 मिनट रहती है।

  4. डिस्चार्ज के समय अस्पताल द्वारा दस्तावेज तैयार किये जाते है जिन्हे मरीज की लाइव फोटो एवं डॉक्टर के साथ भी मरीज की फोटो पोर्टल पर अपलोड की जाती है। साथ ही मरीज का फीडबैक फॉर्म मरीज द्वारा भरवाकर उसे पोर्टल पर अपलोड किया जाता है।

क्या करें

  • डॉक्टर परामर्श जरूर करवाए । डॉक्टर परामर्श होने के बाद ही मरीज को इलाज़ के लिए योजना के अंतर्गत भर्ती करना संभव हो पायेगा।

  • योजना के अंतर्गत केवल भर्ती रहने पर ही इलाज मुफ्त होता है ।

  • इलाज के लिए मरीज को जाँचे भर्ती से पूर्व करवाना अनिवार्य है। बिना जाँचो के प्री अप्रूवल लेना संभव नहीं है। जाँच में X-RAY, CT या MRI है तो इनकी रिपोर्ट और फिल्म होना ज़रूरी है, साथ ही संबंधित डॉक्टर के हस्ताक्षर एवं सील के साथ डॉक्टर का रजिस्ट्रेशन नंबर होना भी अनिवार्य है।

  • मरीज का जनाधार कार्ड और आधार कार्ड होना अनिवार्य है एवं जनाधार कार्ड में आधार कार्ड नंबर के साथ-साथ आधार कार्ड में बायोमेट्रिक व मोबाइल नंबर भी अपडेट होना अनिवार्य है।

  • योजना का लाभ केवल MMCSBY अनुमोदित अस्पताल में ही लिया जा सकता है ।

क्या न करें

  • OPD में चिरंजीवी के अंतर्गत कैशलेस सुविधा नहीं दी जाती है।

  • अपरिपूर्ण जाँचो एवं डॉक्टर की पर्ची के साथ चिरंजीवी योजना के तहत इलाज संभव नहीं है।

  • चिरंजीवी योजना के तहत मरीज का इलाज निशुल्क होता है। इसमें मरीज को किसी भी प्रकार की राशि जमा करवाने की आवश्यकता नहीं होती है।

  • जनाधार, आधार और मेडिकल डाक्यूमेंट्स में मरीज का नाम एक ही होने चाहिए, अलग-अलग दर्ज़ न करवाए।

  • इस योजना के अंतर्गत इलाज लेने के लिए मरीज को धैर्य रखना आवश्यक है क्योकि इसमें अस्पताल को दस्तावेजों की प्रक्रिया में समय लग सकता है। किसी भी प्रकार की हिंसा अस्पताल कर्मचारियों के साथ न करे।

मेडिपल्स अस्पताल का आर्थोपेडिक विभाग अस्थि रोगों के निदान, उपचार, और निवारण में विशेषज्ञता रखता है। इस विभाग में मरीजों को व्यापक देखभाल और सहायता प्रदान की जाती है, जिसमें चिकित्सा विशेषज्ञ और स्वास्थ्य सेवा प्रदाता शामिल हैं। मेडिपल्स अस्पताल ने चिरंजीवी योजना के तहत राज्य के कई नागरिकों को मुफ्त में घुटने के प्रत्यारोपण की सुविधा प्रदान की है। अस्थि रोगों के इलाज में इस अस्पताल की विशेषज्ञता है, और इस योजना के अंतर्गत कई मरीजों का इलाज निःशुल्क किया गया है। चिरंजीवी योजना के अंतर्गत मुफ्त घुटने के प्रत्यारोपण के लिए मेडिपल्स अस्पताल में आप इस नंबर 8239345635 पर संपर्क कर सकते हैं।

Call now for appointment
Previous
Previous

चिरंजीवी योजना में अस्थि रोग के अंतर्गत कूल्हों का प्रत्यारोपण (THR-Total hip replacement) का इलाज़ : महत्वपूर्ण जानकारी और आवेदन प्रक्रिया

Next
Next

PET CT scan side effects : Understanding the risks and complications.